Share Market मे OFS क्या होता है | ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) क्या है 2023

Share Market मे OFS क्या होता है : आज की नई पीढ़ी Share market के बारे में जानने के लिए और इसमें इन्वेस्ट करने लिए अग्रसर है। लेकिन इसमें इन्वेस्टमेंट करने के लिए सबसे पहले इसे अच्छे से जानना जरूरी है। इसको अच्छे से समझने के लिए हमे इसके अंदर आने वाले टर्मोनॉल्जी को भी जानना होता हैं। आज इस आर्टिकल में हम एक बहुत ही चर्चित टर्म के बारे में जानेंगे जिसका नाम है OFS. OFS क्या है? इसमें इन्वेस्टमेंट कैसे किया जाता है, इसके फायदा और नुकसान। ये सब हम इस आर्टिकल में जानेंगे। तो आईए सबसे पहले OFS के बारे में विस्तार पूर्वक जान लेते है। 

OFS क्या होता है

Share Market मे OFS क्या होता है : OFS यानी ऑफर फॉर सेल, यह लिस्टेड कंपनी के द्वारा शेयर बेचने का एक तरीका है। इसके मदद से कम्पनी के प्रमोटर शेयर को मार्केट में बेच पाते हैं। OFS लाने के कई वजहें हो सकती है, हो सकता है कंपनी अपने विकास कार्यों के लिए फंड जुटा रही हो या फिर उसे किसी अन्य कार्य के लिए पैसे की आवश्यकता हो। OFS किसी भी लिस्टेड कंपनी के प्रमोटर को पारदर्शी तरीके से अपने शेयर को घटाने या यूं कहे बेचने का

मौका देता है। कोई भी व्यक्ति जिसके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट हो वह इसमें पार्टिसिपेट कर सकता हैं। अमूमन किसी भी कंपनी का OFS उसके वास्तविक शेयर प्राइस से कम होता है। इसलिए OFS हमे मौका देता हैं की हम कम कीमत में किसी कंपनी के शेयर ले पाए। 

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मार्केट में OFS कैसे लॉन्च होता है

इसे समझने के लिए आइए सबसे पहले समझते हैं कि कोई भी कंपनी शेयर मार्केट में कैसे लिस्ट होती है। कोई भी कंपनी जो शेयर मार्केट में लिस्ट होना चाहती है, सबसे पहले अपने कंपनी का आईपीओ यानी (इनिशियल पब्लिक आफरिंग) लाती है। इसके बाद कंपनी लिस्टेड हो जाती है। इसके बाद अगर कंपनी फिर से अपने शेयरों को बेचना चाहें या फिर उसके प्रमोटर शेयर को बेचना चाहे तो वह OFS लाते हैं। अकसर यह शेयर के मूल्य से कम होता है, इसे कम इस लिए रखा जाता है ताकी लोग इसमें रुचि दिखाए। आईए अब आपको OFS में पार्टिसिपेट करने का प्रोसेस बताते है। 

OFS में कौन कौन पार्टीसिपेट कर सकते है

OFS के जरिए हर कोई जिसके पास डीमैट अकाउंट हो इसमें पार्टीसिपेट कर सकता है। इसके साथ ही इसमें म्यूच्यूअल फंड्स, फॉरेन इन्वेस्टर्स, इंश्योरेंस कंपनी समेत हर कोई इन्वेस्ट कर सकता है। चुकी, इसमें शेयर्स प्रमोटर के द्वारा सेल किया जाता है। इसलिए इसमें हर किसी को पार्टीसिपेट करने का मौका दिया जाता है। 

OFS में अप्लाई कैसे करे

जब भी कोई कम्पनी OFS लेकर आती है और अगर आप उसमे अप्लाई करना चाहते हैं। तो सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर की वेबसाइट या ऐप में जाना होगा, इसके बाद आप वहा से इसके लिए अप्लाई कर सकते है। कंपनी एक बीड प्राइस सेट करती है आप उस प्राइस के ऊपर के दाम में OFS में अप्लाई कर सकते है। इसमें बाद OFS का एलोकेशन होता है, अगर आप भाग्यशाली रहे तो कुछ ही दिनों में शेयर्स आपके डीमैट एकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। इसके बाद आप इसे नॉर्मल शेयर की तरह ही कभी भी बेच पाएंगे। 

क्या OFS के जरिए शेयर लेना फायदेमंद है?

OFS के जरिए शेयर लेना फायदेमंद है या नहीं, इसे समझने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि कोई भी कंपनी OFS लेकर क्यू आ रही है। इसके लिए आप न्यूज का सहारा ले सकते है। कोई प्रमोटर अपने शेयर क्यों बेच रहा है? क्या वह इन पैसों से कंपनी के विकास कार्यों में पैसे लगा रहा है या फिर वह इस शेयर को बेचकर अलग होना चाहता है। अगर कंपनी OFS के जरिए पैसे से कंपनी के डेवलपमेंट में खर्च करने वाली है, तो यह OFS फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही कुछ चीजों का ध्यान रखे जो इस प्रकार है:

OFS का बिडिंग वैल्यू शेयर के मार्केट वैल्यू से कम हो। ऐसा होने से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

कम्पनी रीसेंट में अच्छा परफॉर्म कर रही हो। उसके पास कंपनी के विकास के लिए सॉलिड प्लान हो।

चुकी कंपनी पहले से लिस्टेड है तो OFS में अप्लाई करने से पहले आप इसके पास्ट परफॉर्मेंस को अच्छे से चेक कर ले।

दोस्तो, ये थे कुछ महत्पूर्ण पॉइंट जिसका ध्यान आपको OFS में अप्लाई करने से पहले रखना चाहिए। इसके साथ ही हम आपको बता दें कि शेयर मार्केट रिस्क और रिवार्ड्स का दूसरा नाम है। जिसमें एक ओर रिस्क है तो वही दूसरी ओर रिवार्ड्स, दोनों चीजों का ध्यान रखकर ही इसमें इन्वेस्टमेंट या फिर अप्लाई करें। किसी भी इन्वेस्टेंट और ट्रेडिंग संबंधित फैसले आप अपने आप ले या फिर आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले सकते है। आईए अब कुछ अकसर पूछे जाने वाले सवालों को देख लेते है।।

OFS से जुड़े कुछ महत्पूर्ण सवाल

Q : OFS का फुल फॉर्म क्या होता है?

Ans : OFS का फुल फॉर्म Offer for sale होता है। यह कोई भी लिस्टेड कंपनी अपने शेयर को बेचने के लिए ला सकती है। 

Q : क्या ओएफएस में रिटेल इन्वेस्टर पार्टीसिपेट कर सकते हैं?

Ans : हां, इसमें कोई भी व्यक्ति जिसके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट हो इसमें पार्टिसिपेट कर सकता है।

Q : OFS आईपीओ से कैसे अलग है?

Ans : जहां एक और आईपीओ कंपनी के लिस्ट होने से पहले आता है तो वही OFS लिस्ट होने के बाद आता है। 

Q : OFS में कैसे अप्लाई करे?

Ans : इसमें अप्लाई करने के लिए आपको अपने ब्रोकर के वेबसाइट या ऐप की सहायता लेनी पड़ेगी। आप अपने ब्रोकर के वेबसाइट या ऐप पर जाकर इसमें अप्लाई कर सकते है। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल में हमने OFS से जुड़ी हर महत्पूर्ण जानकारी को विस्तार पूर्वक बताया है। इस आर्टिकल में हमने जाना है कि OFS क्या होता है? कोई कंपनी OFS क्यों लेकर आती है और इसमें कैसे अप्लाई करें। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा, अगर अच्छा लगा हो तो इसे जरूर शेयर करें। ऐसे ही बेहतरीन आर्टिकल पाने के लिए आप हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे। इसके साथ ही कोई समस्या या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। तब तक के लिए बाय मिलते है फिर किसी बेहतरीन आर्टिकल के साथ। 

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