दोस्तों मार्जिन एक सुविधाजनक ट्रेडिंग कहलाती है जो हर ब्रोकर अपने कस्टमर को सुविधा प्रदान करते है इसकी मदत से हम कम पैसो में ज्यादा शेयर खरीद सकते है
साधारण भाषा में बोले तो मार्जिन ट्रेडिंग एक तरह की फंडिंग है जो अपने स्टॉक ब्रोकर्स अपने ट्रेडिंग करने के लिए उधार के रूप में लेते है और कम पैसो में ज्यादा शेयर खरीद और बेच सकते है इसी प्रक्रिया को मार्जिन ट्रेडिंग कहते है |
उधाहरण से समझते है : अगर एक ब्रोकर किसी शेयर पर 10 टाइम का मार्जिन देता है तो हम उस ब्रोकर के पास एक शेयर की प्राइस पर 10 शेयर खरीद सकते है तो अगर एक ब्रोकर SBI के स्टॉक पर 10 टाइम का मार्जिन या लिब्रेज़ दे रहा है
और अगर SBI के एक शेयर की प्राइस 100 रूपए है तो हम 100 रूपए की जगह एक शेयर बजाय SBI के 10 शेयर खरीद सकते है इसका मतलब हम 100 रूपए में 1000 रूपए के SBI शेयर खरीद सकते है |
दोस्तों ध्यान देने वाली बात ये है की ज्यादातर ब्रोकर्स मार्जिन या लिब्रेज़ बस intraday trading के लिए ही देते है और बहुत कम येसे ब्रोकर्स है जो हमें पोजीशन या स्विंग ट्रेडिंग के लिए देते है
साधारण तौर पर अच्छी और बड़ी कंपनी के शेयर्स पर मार्जिन ज्यादा होता है वही छोटी कंपनी के शेयर मार्जिन कम होता है और किसी स्टॉक पर मार्जिन देना या न देना या कितने समय का देना वो हर ब्रोकर अपने हिसाब से Decide करता है
अगर किसी ब्रोकर का कमिसन 1% है और हम टोटल 100 रूपए के स्टॉक खरीदते है तो वो ब्रिकर हमसे 100 रूपए का 1% यानि 1 रुपया ब्रोकरेज चार्ज करेगा जब हम 10 टाइम का मार्जिन लेकर 100 रूपए में 1000 रूपए के शेयर खरीदते है