शेयर मार्केट में short selling क्या होती है | short selling in stock market in hindi

शेयर मार्केट में short selling क्या होती है (short selling in stock market in hindi) : शेयर मार्केट में बहुत कम समयांतराल में profit पाने हेतु short selling की जाती है, वैसे तो निवेशकर्ता किसी भी शेयर की भविष्य में मूल्य वृद्धि की आकांक्षा रखता है, और इसी को ध्यान में रखते हुए शेयर खरीदता है, परन्तु short selling में जब शेयर की कीमतों में गिरावट आती है तब लाभ होता है,

इसे इस प्रकार सरलता से समझा जा सकता है कि अगर निवेशक को किसी स्टॉक का मूल्य कम होने की आशंका होती है तो वह ब्रोकर से उस स्टॉक को उधार ले लेता है, और उन शेयर को बेच देता है बाद में जब मूल्य गिरता है तो उन्हें वापिस खरीद कर ब्रोकर को वापिस कर देता है,

शेयर मार्केट में short selling क्या होती है :

किसी ब्रोकर से शेयर उधार लेकर उसे उच्च कीमत पर बेचना और बाद में जब कीमत कम हो जाए तब फिर से उसे खरीदकर ब्रोकर को वापिस कर देना ही short selling है, इसे short selling इसलिए कहते हैं क्योंकि शेयर मार्केट में Trading time 9.15 am से 3.30 pm तक का होता है, और इसी बीच यह काम होता है, इसलिए यह short selling कहलाता है,

short selling कैसे करे

short selling करने के लिए सबसे पहले हमें उस शेयर को उधार लेना होता है, जिस पर कि हम दांव लगाना चाहते हैं यह हमें ब्रोकर के माध्यम से मिल जाता है, उसके साथ हम शेयर वापस करने की एक समय सीमा निर्धारित कर लेते हैं लेकिन इसके लिए हमें ब्रोकर को कुछ शुल्क का भुगतान करना होता है,  

अब जो शेयर हमने लिए हैं उन्हें हम बेच देते हैं और फिर उनकी कीमत गिरने का इन्तजार करते हैं कीमतें गिरने पर हम उन शेयरों को वापिस नयी वाली कम कीमत पर खरीद लेते हैं और उन्हें ब्रोकर को वापिस कर देते हैं जिससे कि हमने शेयर उधार लिए थे, इस प्रकार से हमें मुनाफ़ा प्राप्त होता है, इसे एक उदाहरण द्वारा भली भाँती समझा जा सकता है, –

माना कि किसी x कंपनी के शेयर 5000 रु. प्रति शेयर के मूल्य पर हैं आप इसमें से 100 शेयर ब्रोकर से उधार लेते हैं जिनका कि बाजार मूल्य 500000 ( पांच लाख ) रु. है, और आप इन्हें बेच देते हैं , कुछ समय पश्चात शेयर का मूल्य 2000 रु. तक गिर जाता है, आप पुन: 100 शेयर नए बाजार मूल्य पर 300000 (तीन लाख ) रु. में खरीद कर ब्रोकर को वापिस कर देते हैं तो इस प्रकार आप इस शेयर से 200000 ( दो लाख ) रु. का शुद्ध लाभ प्राप्त करते हैं |

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short selling के नियम क्या है

इसका पहला नियम यह है कि जब किसी स्टॉक में short selling करें तो यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सौदे को तय किये गए समय के अनुसार मार्केट बंद होने के पहले कम्प्लीट कर दिया जावे और जितनी क्वान्टिटी में आपने स्टॉक उधार लेकर बेचा था उतनी ही क्वान्टिटी में खरीद कर ब्रोकर को वापिस कर सौदा स्क्वाएर ऑफ करना जरुरी है,

और सेबी के नए नियम के अनुसार यदि आपको यह लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों में नीचे जा सकता है तो आपको उस स्टॉक को F&O में सेल करना होगा लेकिन यहाँ क्वान्टिटी में सेल करने के बजाय उसका कम से कम एक लॉट सेल करना पड़ता है |

short selling में पेनल्टी

अगर आप स्टॉक को सेल करने के बाद उसे किसी वजह से खरीद नहीं पाते हैं या फिर खरीदना भूल जाते हैं तो ऐसे में आपने जिनको स्टॉक बेचा है, उनको स्टॉक की डिलीवरी नहीं मिल पायेगी इस प्रकार के हालातों में STOCK EXCHANGE आपको डिफाल्टर घोषित कर देता है और आपके ऊपर पेनाल्टी लगाई जाती है |

short selling का फ्यूचर क्या है

कुछ लोगों के अनुसार short selling बाजार में गिरावट और मंदी का कारण बनती है, उन्हें लगता है कि short selling से बाजार में मंदी आयेगी और अर्थव्यवस्था चरमरा जायेगी, इनका आरोप है कि यह हेराफेरी को प्रोत्साहित करता है, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने स्टॉक मूल्यों में गिरावट के बाद 2001 और 2008 के बीच इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया था, भारतीय अधिकारियों ने मार्च से अक्टूबर 2020 तक शर्त selling पर अस्थाई प्रतिबन्ध लगा दिया था,  कोविड के दौरान भी short selling पर प्रतिबन्ध लगाया गया था |

उपरोक्त कारणों के दृष्टिगत यह कहा जा सकता है कि भारत में short selling का भविष्य अच्छा नहीं रहने वाला है, हो सकता है कि निकट भविष्य में इसमें कुछ संशोधन किये जाएँ लेकिन फिर यह अपने मूल स्वरुप के उलट अत्यंत ही जटिल हो जायेगी और साधारण निवेशक short selling नहीं कर पायेंगें |

short selling के फीचर

एक पारंपरिक short selling के लिए एक ब्यापारी एक कंपनी के शेयरों को उधार लेकर शुरू करेगा और फिर इन शेयरों को खुले बाजार में बेचेगा , short position करने वाले बिक्रेता का लक्ष्य बाद में इन शेयरों को कम कीमत पर खरीदना और उधार शेयरों को वापस करना है, ब्रोकर हमेशा treding plateform पर शुद्ध लाभ या हानि ही प्राप्त कर सकते हैं, आपके विक्रय मूल्य के सापेक्ष आपके शेयरों की पुनर्खरीद की कीमत जितना कम होती है उतना अधिक पैसा कमाया जाता है, अर्थात इसमें फायदा और नुक्सान दोनों ही हो सकते हैं, औत short selling को किसी भी इन्वेस्टर के द्वारा किया जा सकता है,

short selling की समय सीमा क्या है

इसमें शेयर को कितने समय तक रखा जाय इसकी कोई अनिवार्य सीमा नहीं है,short selling में एक ब्रोकर शामिल होता है, जो कि शेयर को उधार देता है इस सोच के साथ कि वे खुले बाजार में बेचे जायेंगे और बाद में बदल दिए जायेंगें ,

जब तक वे मार्जिन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं तब तक निवेशक short position रख सकते हैं, जब तक निवेशक आवश्यक ब्याज का भुगतान कर सकता है और शेयरों को उधार देने वाला ब्रोकर उन्हें उधार लेने की अनुमति देता है, तब तक इसकी समय सीमा को बनाए रखा जा सकता है |

short selling में रिस्क कितना है

जहां short selling में उच्च रिटर्न का फायदा होता है वहीं रिस्क भी बहुत अधिक होता है, short selling में निवेश करने पर आपके द्वारा निवेश की गयी राशि को गंवाया जा सकता है, क्योंकि कंपनी के शेयर की कीमत किसी भी राशि तक बढ़ सकती है, और शेयर की कीमत जितनी अधिक होगी उतना ही नुक्सान होगा आप गलत अनुमान लगा सकते हैं और स्टॉक बढ़ सकता है, इसके अलावा ब्याज डर में परिवर्तन का भी काफी रिस्क होता है क्योंकि इसके बढ़ने से नुक्सान ही होता है,

एक संभावना यह भी होती है कि स्टॉक ब्रोकर आपके द्वारा उधार लिए गए शेयरों को अचानक से वापस करने की मांग कर सकता है,जिससे कि शेयर आपके लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे |

short selling के फायदे क्या है

इसका पहला फायदा यह है कि आप मार्जिन treding के साथ short selling कर सकते हैं, आप जिस स्टॉक का व्यापार कर रहे हैं उसके कुल मूल्य का केवल एक प्रतिशत डालकर आप छोटे निवेश के साथ अधिक पैसा कमा सकते हैं, अपनी निवेश रणनीतियों में short selling को शामिल करना आपके लाभ के अवसरों को दो गुना कर देता है, क्योंकि आप न केवल स्टॉक की कीमतों में वृद्धि से बल्कि स्टॉक की कीमतों में आयी गिरावट से भी पैसा कमाते हैं,|

short selling के नुकसान क्या है

स्टॉक स्वाभाविक रूप से अस्थिर हो सकते हैं, कभी-कभी किसी स्टॉक का शून्य पर भी जाना संभव है, तथा स्टॉक की कीमत बढ़ने से होने वाले नुक्सान की कोई सीमा नहीं है, और यदि बाजार में उपलब्ध स्टॉक की मात्रा सीमित है तो स्टॉक उधार लेने के लिए मंहगा हो सकता है,   यदि स्टॉक के प्राइस में थोड़ा भी चेंज ऊपर की तरफ आने पर बहुर लास होगा और इसे कैर्री करने के लिए प्रतिदिन उस लास को भी भरना होगा,

और सबसे बड़ी बात यह कि बाजार की खराब स्थितियों के दौरान short selling को कभी भी अचानक से प्रतिबंधित किया जा सकता है |

क्या हमें short selling करना चाहिए

निवेश करना या treding करना नहीं है, short selling एक प्रकार से हेजिंग है जिसका मतलब  अपने निवेश को सुरक्षा प्रदान करना है, विशेषज्ञों का मानना है कि short selling केवल अनुभवी और पुराने तथा मंझे हुए निवेशकों को ही करना चाहिए क्योंकि वे बाजार के उतार- चढ़ाव व जोखिमों से भली भाँति परिचित होते हैं, नए निवेशकों को इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे बहुत कुछ खो सकते हैं, short selling करने से पूर्व विस्तृत मार्केट अध्ययन, तकनीकी विश्लेषण, और अन्य बहुत सी जानकारियों का होना अत्यंत ही आवश्यक है |

निष्कर्ष :

हमें आशा व पूर्ण विश्वाश है कि short selling क्या है और इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप प्राप्त कर चुके होंगे |

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