Finance Ratio क्या होता है? | Finance Ratio कितने types के होते है 2023

आज के दौर में शेयर मार्केट से कोई भी वर्ग अछूता नहीं रह गया है। आज के समय ने हर तरह के लोग शेयर मार्केट से जुड़ रहे है या उससे जुड़ने के लिए चीजों को सीखने में लगे है। Finance Ratio को जानना भी सीखने का एक हिस्सा है। इसको जान कर न सिर्फ आप शेयर मार्केट के बेसिक को जान पाएंगे बल्कि बिजनेस के नए terms भी सीख पाएंगे। Finance Ratio के कई प्रकार होते है और आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन सभी को बताने जा रहे है। तो आईए सबसे पहले Finance Ratio क्या होता है, यह जान लेते है। इसके बाद हम अन्य चीजों को जानेंगे। 

Finance Ratio क्या होता है? 

Finance Ratio क्या होता है, यह जानने से पहले आपको ratio क्या होता है यह जान लेना चाहिए। Ratio किसी दो चीजों का भाग (Divide) होता है, इससे हमे दो चीजों का अनुपात पता चलता है। इससे हमे पता चलता है की एक चीज दूसरे के तुलना में कितना अधिक या कम है। Finance Ratio से हमे बिजनेस और शेयर मार्केट के बहुत से आंकड़ों के बारे में पता चलता है। इसके यूज से आप बड़े आसानी से किसी कंपनी के बारे में जान पाएंगे। यह आपको बड़े बड़े डाटा को अच्छे से समझने में मदद करता है। 

Finance Ratio के प्रकार 

आईए, अब हम finance ratio के प्रकार जान लेते है। यूं तो इसके कई प्रकार होते है, लेकिन हम आपको इनमे से प्रमुख बताने जा रहे है। ये सभी ratio काफी अधिक यूज किए जाते है। ये कुछ इस प्रकार है:

1. Liquidity ratio

Liquidity ratio हमे बताता है की कंपनी के assets और लोन का ratio क्या है। इसका प्रयोग हम कंपनी के शॉर्ट टर्म परफॉर्मेंस का अंदाजा लगाने के लिए करते है। इसका फॉर्मूला (current ratio= current assets/current liability) होता है। यह जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा होता है। इससे यह पता चलता है की कंपनी के assets और लोन कितना है। इसका प्रयोग हम बस शॉर्ट टर्म परफॉर्मेंस के लिए ही करते है। इसे एक उदाहरण के मदद से समझते है, मान लीजिए किसी कंपनी का कुल assets 1,00,000 है और liability यानी लोन 10,000 है। तो इसका current ratio इस तरह से होगा। 

Current Ratio = 100000 / 10000 
इसे हल करने पर आपको 10 मिलेगा। यह जितना अधिक होगा उतना अच्छा होता है। 

2. Solvency Ratio

Solvency ratio भी liquidity ratio की तरह ही होता है। लेकिन इसका प्रयोग हम long term में परफॉमेंस का अंदाजा लगाने के लिए करतें है। इसमें हम debt का ratio निकलते है। Debt ratio जितना अधिक होगा यह कंपनी के लिए उतना ही नुकसानदेय होगा। यह जितना कम हो उतना अच्छा होता है। इसका फॉर्मूला कुछ इस प्रकार होता है। 

Debt ratio= Total liability/Total assets 

आईए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए किसी कंपनी के पास कूल 100000 का assets है और 50,000 का लोन है। तो इसका debt ratio इस प्रकार से होगा।

50,000/1,00,000 इसको हल करने पर हमे ½ मिलेगा, अर्थात 50 प्रतिशत। यह जितना कम होगा उतना अच्छा होता है। 

3. Profitability ratio

सभी finance ratio में यह सबसे काम का ratio है। इससे आप यह पता लगा सकते है की कंपनी कितने  रुपए खर्च करने पर कितना प्रॉफिट कमा रहीं है। दूसरे शब्दों में कहें तो इससे यह पता चलता है की कंपनी का प्रॉफिट कितने पर्सेंट का है। जैसे मान लीजिए कोई दुकानदार 100 रुपए का सामान बेचता है और उसे उसपर 10 रुपए का प्रॉफिट होता है। तो इसका profitability ratio ऐसे निकालेंगे। 

Profitability ratio= Net income/Total sales

आईए, इसे पहले के उदाहरण से समझते हैं। पिछले उदाहरण में Net income 10 रुपए है और टोटल सेल 100 रुपए है। तो profitability ratio इसका निकाल लेते है।

Profitability ratio = 10/100 इसका मतलब 1/10 होगा जिसका मतलब है 10 प्रतिशत। यह जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा माना जाता है। 

4. Dividend payout ratio

Dividend एक ऐसा अमाउंट होता है, जिसे कम्पनी अपने प्रॉफिट में से अपने शेयर होल्डर्स को बाटती है। मान लीजिए कोई कंपनी को 1000 का फायदा होता है और उसके पास 100 शेयर ही है। तो अगर कंपनी अपने प्रॉफिट में से 500 बाटती है तो यही अमाउंट डिविडेंट कहा जाएगा। आईए, अब Dividend payout ratio निकालने का तरीका जानते है। 

Dividend payout ratio = Total dividend / Net income

आईए, इसे पहले वाले उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। टोटल डिवीडेंट 500 रुपए है और net income 1000 है तो इससे dividend payout ratio निकालते है। 

500/1000 इसे हल करने पर हमे ½ मिलेगा। इसका मतलब है की कंपनी अपनी कमाई का आधा यानी 50% डिविडेंड बांट देती है। Dividend payout ratio जितना ज्यादा होगा, इन्वेस्टर के तौर पर आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। इससे यह पता चलता है की कंपनी कितना डिविडेंड बाटती है। 

5. Activity Ratio 

इस ratio से हमे कंपनी के प्रोडक्टिविटी और काम करने के तरीके का पता चलता है। इससे हमे यह पता चलता है की कंपनी अपने एसेट्स का प्रयोग करके कैसे प्रोडक्शन और सेल कर रही है। जैस एक उदाहरण देखे: मान लीजिए कोई कंपनी साल में 120 लाख का प्रोडक्शन करती है और उसका Assets 12 lakh है। तो इससे हम इन्वेंटरी ratio निकालेंगे। जिससे हमे इसका परफॉर्मेस पता चलेगा। 

Inventory ratio = Cost of good sold / Average inventory 

= 120 lakh/12 lakh
= 10

इससे हमे यह पता चलता है की कंपनी अपने इन्वेंटरी का 10 गुना सेल कर रही है। यह जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा है। इससे कंपनी के activeness का भी पता चलता है। 

Conclusion 

दोस्तो, इस प्रकार से हमने इस आर्टिकल को पूरा कर लिया है। उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। इस आर्टिकल में हमने पूरी कोशिश की है की आपको finance ratio को अच्छे से समझा सके। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या आए तो आप नीचे कमेंट कर सकते है, हम आपकी सहायता अवश्य करेंगे। ऐसे ही अच्छे और बेहतरीन आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारे वेबसाइट को बुकमार्क करले। मिलते है फिर एक नए आर्टिकल के साथ तब तक आप हमारे वेबसाइट से जुड़े रहें। 

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